एक बार एक घमंडी शेर जंगल में में घूम रहा था .उसे रास्ते में एक खरगोश मिला.तो उसने उससे पूछा, ”बताओ, जंगल का राजा कौन है?” खरगोश ने जवाब दिया, ”आप ही हैं मालिक.”
चलते-चलते उसे एक हिरन मिला.उससे भी शेर ने वही प्रश्न पूछा. हिरन ने क्षण भर भी देरी किये बिना उत्तर दिया, ”जहाँपनाह, आप ही तो है.”
इसी तरह जंगल के बहुत सारे जानवरों से उसने वही प्रश्न दुहराया, और सबों से उसे एक ही जवाब मिला, ”जंगल के राजा आप ही हैं.”
सुनकर शेर को काफी तसल्ली हुई. अंत में शेर को सामने एक हाथी नज़र आया. यथावत् घमंडी शेर ने उससे भी पूछ ही डाला,
“बताओ हाथी महाराज, जंगल का राजा कौन है?”
मस्त हाथी ने आव देखा न ताव, शेर को अपनी सूंड़ में लपेट कर हवा में उठाया और जमीन पर पटक दिया.
शेर धूल झाड़ता हुआ उठा और उसने कहा, ”यदि तुम्हें Answer नहीं मालुम है तो कोई बात नहीं, लेकिन इसमें गुस्सा करने वाली कौन सी बात है!”
बहुत पहले शेर को शिकार करने नहीं आता था ,वह शिकार के दांव-पेंच बिल्ली से सीखा करता था.बिल्ली ने सारे गुर अपने शिष्य को सीखा दिया. तदानुसार शेर रोज जंगल में शिकार करने लगा. इस तरह काफी वक्त गुजर गया.
एक दिन कोई शिकार न मिलने पर भूखा शेर अपने गुरुआईन बिल्ली पर ही झपट पड़ा .सायानी बिल्ली झट से एक पेड पर चढ गई. बेचारे शेर को पेड़ पर चढ़ना आता नहीं था.
नीचे से शेर ने कहा, ” बिल्ली रानी, मैं तो मजाक कर रहा था, लेकिन तुमने मुझे पेड पर चढ़ना क्यों नहीं सीखाया .”
“मुझे मालुम था कि तुम एक न एक दिन ऐसा मजाक जरुर करोगें और वह मुझ पर भारी पड़ेगी, इसीलिए मैंने ये तरकीब इस दिन के लिए बचा कर रखी थी.” बिल्ली ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया.
एक मैनेजमेंट के छात्र से साक्षाकार में पूछा गया, “मान लीजिए कि आप जंगल के बीच से होकर कहीं जा रहे हैं और अचानक आपके सामने शेर आ जाता है, तब आप क्या करेंगे?”
छात्र ने तत्काल जवाब दिया, ”मैं क्या करूँगा? जो कुछ भी करना होगा वो तो शेर करेगा .”
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