Wednesday 26 October 2011

छलांग !


  
  एक छोटे हवाई जहाज पर ६ व्यक्ति सफर कर रहे थे. उनमे से एक नेताजी थे, दूसरा एक इंजिनियर, तीसरा एक डॉक्टर, चौथा एक सरदारजी, पांचवा एक साधारण ब्याक्क्ति और छट्ठा उसका १०-१२ वर्षीय भतीजा जो स्कूल से सीधा एअरपोर्ट आकर उसके साथ जा रहा था.  
  उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद प्लेन में  कुछ तकनिकी खराबी आ गयी. तुरंत ही प्लेन का सह-पाइलट कॉक-पीट से एक पैराशूट लेकर बाहर निकला और उसने यात्रियों को संबोधित करते हुए  कहा,
  दुर्भाग्यवश हवाई जहाज में कुछ तकनिकी खराबी आ गयी है और प्लेन कभी भी क्रेश कर सकती है. आप लोंगों के सीट के ऊपर सामान रखने के केंबिनेट के अंदर सिर्फ पाँच पैराशूट रखे हुए हैं. आप में से कोई पाँच ही उनका इस्तेमाल कर सकते हैं. अब मैं आपलोगों को को पैराशूट कंधे में किस तरह पहना/बाँधा जाता है, बताऊंगा. कूदते ही उसमें लगे हुक को आपको खींचना है. आप सही सलामत उतर जायेंगे. कहकर उसने साथ में लाये हुए पैराशूट को अपने कंधे पर उसमें लगे दो स्ट्रैप के सहारे पहन लिया और प्लेन का दरवाज़ा खोलकर नीचे कूद गया.   
   प्लेन के पाइलट ने फ्लाईट-कंट्रोल को ऑटो-पाइलट मोड में फिक्स किया, कॉक-पीट में ही रखे एक पैराशूट को कंधे पर लगाया और बाहर निकल कर दरवाज़े से नीचे कूद गया.
   अब यात्रियों की बारी आई तो सबसे पहले नेताजी ने आनन्-फानन में केबिनेट से एक पैराशूट निकाल कर कन्धों पर पहन लिया और कहा, भाइयो, देश में भ्रष्टाचार का राज है, घोटाला है, आतंकवादी आतंक फैला रहे हैं, मंहगाई आसमान छू रही है, इस परिस्थिति में देश को मुझ जैसे नेता की सख्त जरूरत है. इसलिए पहले मैं चला. और वह नीचे कूद गया.
   इंजिनियर भी तुरंत उठ खड़ा हुआ और एक पैराशूट पहनते-पहनते बोला, उद्द्योग-धंदे और देश के विकास के लिए लोगों को मेरी ज्यादा ही आवश्यकता है इसलिए मैं भी चला. वह भी कूद गया.
   डॉक्टर साहब को भी देश के लोगों की स्वास्थ्य की बहुत चिंता थी और वह भी तुरंत एक पैराशूट के साथ कूद गया.
   सरदार जी ने भी फटाफट एक पैराशूट निकाल कर उसके दोनों स्ट्रैप के सहारे उसे कंधे पर फिक्स किया और कहा, भाई साब, मेरे को मालुम नहीं है जी कि देश को मेरी जरूरत है कि नहीं, लेकिन मेरा आज पटियाला पहुचना जरूरी है. इसलिए दोनों को बाई-बाई! इसके साथ ही उसने दरवाजे से नीचे छलांग लगा दी!
   अब बच गए बेचारे चाचा और भतीजा. आदमी दो और पैराशूट एक ! चाचा ने कहा, भतीजे, एक ही पैराशूट बचा है, तुम ही उसके सहारे तुरंत कूद जाओ, अभी तुम्हारी उम्र ही क्या है, लंबी जिंदगी अभी बाकी है, तुम्हे दुनिया देखनी है, मेरा क्या, आज हूँ, कल रहूँगा कि नहीं, कोई ठीक नहीं. इस प्लेन के साथ मेरा जो भी हाल होगा देखा जायेगा. किस्मत अच्छी रही तो शायद बच भी जाऊं.
   अरे चाचा जी, आप घबडा क्यों रहे हैं! हमारे पास अभी भी दो पैराशूट हैं. कह कर भतीजे ने क्षण भर की भी देरी किये बिना ऊपर के केबिनेट से दो पैराशूट निकाल लिए. एक उसने अपने पहन लिया, एक चाचा को पहनने के लिए दिया और आगे कहा,
   चाचा जी, दरअसल वो सरदार जी हड़बड़ी में मेरा स्कूल का बैग कंधे में में बाँध कर कूद गया है और अब शायद पटियाला भी पहुँच गया होगा!
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